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Head of Department: Prof. Navin Chandra Lohani (06.08.2019-05.08.2022)
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में हिंदी विभाग की स्थापना 2002 में हुई। अपने स्थापना वर्ष से ही विभाग ने हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया। अपनी स्थापना के प्रारम्भ में ही विभाग ने हिंदी साहित्य और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये। सन २०१८ में विभाग के भवन का विस्तार हुआ। हिंदी में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को तकनीक से जोड़ने के लिये संसाधनों से सुव्यवस्थित कंप्यूटर लैब विकसित की गई। हिंदी विद्यार्थियों की लेखन क्षमता को बढ़ाने और विचाराभिव्यक्ति और भावाभिवक्ति को सशक्त बनाने हेतु विभागीय पत्रिका मंथन प्रत्येक वर्ष निजी संसाधनों और प्रयासों से प्रकाशित की जाती है। सन 2008 में भाषा और साहित्य को संवर्धित करने वाले विचारों और अध्ययन अध्यापन से संबंधित विभागीय गतिविधियों के ऑनलाइन प्रस्तुतिकरण के लिए manthanvicharpatrika.blogspot.com से विभागीय ब्लॉग का निर्माण किया गया। 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में हिंदी प्रयोग के लिये विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्तमान में संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग प्रो नवीन चंद्र लोहनी देश विदेश में हिंदी अध्ययन अध्यापन करते रहे हैं। विभाग के पास साहित्य, संस्कृति, भाषा, आलोचना, नवीन विमर्शों से सम्बंधित पुस्तकों से समृद्ध एक पुस्तकालय है। प्रो0 लोहनी स्विट्ज़रलैंड और चीन में हिंदी अध्यापन कर चुके हैं। इस दौरान हिंदी चीनी शब्द कोश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभाग समय समय पर समसामयिक साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक विषयों पर संगोष्ठी, वेबगोष्ठी का आयोजन करता रहा है। कोरोना काल में विभागाध्यक्ष प्रो० नवीन चंद्र लोहनी ने फेसबुक पर 'हिन्दीगिरी' वेबगोष्ठी नाम से लगभग 47 दिनों तक देश विदेश के हिंदी विशेषज्ञों के सानिध्य में हिंदी पर चर्चा परिचर्चा की। विभाग के अनेक विद्यार्थी कई केंद्र सरकार, राज्य सरकार, निजी संस्थानों में कार्यरत हैं. विभाग के शिक्षक और विद्यार्थी दूरदर्शन, रेडियो चर्चा परिचर्चा में प्रतिभागिता करते रहे है. नेट जे आर एफ की परीक्षा में विभाग के विद्यार्थियों का प्रदर्शन हमेशा श्रेष्ठ रहा है। उच्च शिक्षण संस्थानों से प्राप्त कई शोध परियोजनाओं पर विभाग सफलतापूर्वक शोध कार्य संपन्न कर चुका है. विभाग में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत B.A पाठ्यक्रम, B.A ऑनर्स पाठ्यक्रम, M.A स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, प्री पीएचडी पाठ्यक्रम, पीएचडी पाठ्यक्रम चल रहे है. विभाग ने भारत से बाहर लिखे जाने वाले हिंदी साहित्य को प्रवासी हिंदी साहित्य और क्षेत्रीय बोली के साहित्य को कौरवी लोक साहित्य के अंतर्गत पाठ्यक्रम में शामिल किया है। विभाग के शिक्षक और शोधार्थियों के शोधपत्र यूजीसी मान्यता प्राप्त शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रहे हैं। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ में हिंदी विभाग की स्थापना 2002 में हुई। अपने स्थापना वर्ष से ही विभाग ने हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान दिया। अपनी स्थापना के प्रारम्भ में ही विभाग ने हिंदी साहित्य और पत्रकारिता में स्नातकोत्तर स्तर पर पाठ्यक्रम प्रारम्भ किये। सन २०१८ में विभाग के भवन का विस्तार हुआ। हिंदी में तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने और विद्यार्थियों को तकनीक से जोड़ने के लिये संसाधनों से सुव्यवस्थित कंप्यूटर लैब विकसित की गई। हिंदी विद्यार्थियों की लेखन क्षमता को बढ़ाने और विचाराभिव्यक्ति और भावाभिवक्ति को सशक्त बनाने हेतु विभागीय पत्रिका मंथन प्रत्येक वर्ष निजी संसाधनों और प्रयासों से प्रकाशित की जाती है। सन 2008 में भाषा और साहित्य को संवर्धित करने वाले विचारों और अध्ययन अध्यापन से संबंधित विभागीय गतिविधियों के ऑनलाइन प्रस्तुतिकरण के लिए manthanvicharpatrika.blogspot.com से विभागीय ब्लॉग का निर्माण किया गया। 2010 में दिल्ली राष्ट्रमंडल खेलों में हिंदी प्रयोग के लिये विभाग ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वर्तमान में संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग प्रो नवीन चंद्र लोहनी देश विदेश में हिंदी अध्ययन अध्यापन करते रहे हैं। विभाग के पास साहित्य, संस्कृति, भाषा, आलोचना, नवीन विमर्शों से सम्बंधित पुस्तकों से समृद्ध एक पुस्तकालय है। प्रो0 लोहनी स्विट्ज़रलैंड और चीन में हिंदी अध्यापन कर चुके हैं। इस दौरान हिंदी चीनी शब्द कोश निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विभाग समय समय पर समसामयिक साहित्यिक, सांस्कृतिक, सामाजिक विषयों पर संगोष्ठी, वेबगोष्ठी का आयोजन करता रहा है। कोरोना काल में विभागाध्यक्ष प्रो० नवीन चंद्र लोहनी ने फेसबुक पर 'हिन्दीगिरी' वेबगोष्ठी नाम से लगभग 47 दिनों तक देश विदेश के हिंदी विशेषज्ञों के सानिध्य में हिंदी पर चर्चा परिचर्चा की। विभाग के अनेक विद्यार्थी कई केंद्र सरकार, राज्य सरकार, निजी संस्थानों में कार्यरत हैं. विभाग के शिक्षक और विद्यार्थी दूरदर्शन, रेडियो चर्चा परिचर्चा में प्रतिभागिता करते रहे है. नेट जे आर एफ की परीक्षा में विभाग के विद्यार्थियों का प्रदर्शन हमेशा श्रेष्ठ रहा है। उच्च शिक्षण संस्थानों से प्राप्त कई शोध परियोजनाओं पर विभाग सफलतापूर्वक शोध कार्य संपन्न कर चुका है. विभाग में नई शिक्षा नीति के अंतर्गत B.A पाठ्यक्रम, B.A ऑनर्स पाठ्यक्रम, M.A स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, प्री पीएचडी पाठ्यक्रम, पीएचडी पाठ्यक्रम चल रहे है. विभाग ने भारत से बाहर लिखे जाने वाले हिंदी साहित्य को प्रवासी हिंदी साहित्य और क्षेत्रीय बोली के साहित्य को कौरवी लोक साहित्य के अंतर्गत पाठ्यक्रम में शामिल किया है। विभाग के शिक्षक और शोधार्थियों के शोधपत्र यूजीसी मान्यता प्राप्त शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो रहे हैं।
Programme/ Courses
The department is currently offering the follwing programmes of study :
Faculty
Head

Syllabus
Programme Name | Download New/ Revised Syllabus |
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Ph.D. | |
B.A. (Honours) Hindi | |
B.A. Under NEP | |
M.A. Hindi (Revised Syllabus) | |
Pre Ph.D. Coursework Hindi |
Programme Name | Download Old Syllabus |
---|---|
Pre-Ph.D. Hindi |
Facilities
हिंदी विभाग अपनी स्थापना वर्ष से ही लगातार शोध और शिक्षण के क्षेत्र में बेहतर परिणामों के लिए प्रयासरत है। जिसमें विभाग में उपलब्ध संसाधन विद्यार्थियों को अच्छी स्तरीय शिक्षा प्रदान करने में सहायक हैं। विभाग में साफ स्वच्छ शिक्षण कक्ष, विभाग में अत्याधुनिक यंत्रों से परिपूर्ण सभागार, उच्च स्तरीय पुस्तकों से समृद्ध पुस्तकालय, अद्यतन कंप्यूटर प्रयोगशाला, उच्च शिक्षित और कार्यनिपुण शिक्षक और कर्मचारी, अनुशासित विद्यार्थी और विभाग का पेड़ पौधों से भरपूर प्रांगण शिक्षा के लिए एक सुखद वातारण का निर्माण करते हैं।
Job/ Placement
शिक्षण, अनुवाद, हिंदी अधिकारी, प्रशासनिक सेवाओं, मीडिया संस्थान।
विभाग के विद्यार्थी उच्च शिक्षण संस्थान, माध्यमिक शिक्षा संस्थान एवं प्राथमिक शिक्षा संस्थानों में कार्यरत है। भारत सरकार के मंत्रालयों में हिंदी अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। बैंको में मैनेजर, अनुवाद एवं हिंदी अधिकारी हैं। मीडिया के क्षेत्र में प्रिंट मीडिया एवं इलैक्ट्रानिक मीडिया में देश में प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य कर रहे हैं। विभाग के विद्यार्थी प्रशासनिक सेवा संस्थानों में भी कार्यरत हैं।
Research & Publication
RESEARCH PAPERS IN PEER-REVIEWED JOURNALS |
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S.No Author Name Title Name of Journal Month & Year of Publication | |||||||||
1 | Dr. Aarti Rana | JILA BAGHPAT KE 'BA' VARN SE ARAMBH HONE WALE STHAN NAMON KA VYUTPATTIGAT ADHYYAN | SAMAY AAGAM | - | |||||
2 | Dr. Aarti Rana | KORVI LOK SAHITYA MAIN LOK SANSKRITIK EVAM JANSAROKARON KI ABHIVYAKTI | SHODH VYACHARIKI | - | |||||
3 | Dr. Aarti Rana | KHARIBOLI KSHATRE KE EKPADIY STHAN NAMON KA BHASHA VAIGYANIK ADYYAN | SHODH VYACHARIKI | - | |||||
4 | Dr. Aarti Rana | ILACHANDRA JOSHI KE UPANYAON MAIN NAVIN BHASHAI PRAYOG | SHODH VYACHARIKI | - | |||||
5 | Dr. Aarti Rana | SANCHAR KRANTI SE BHASHAI KAYAKALP KA SAMAY | SHODH VYACHARIKI | - | |||||
6 | Dr. Aarti Rana | KORVI LOKSAMAJ KA AAYINA : HINDAN AL PELI KAI | SHODH PUNJ | - | |||||
7 | Dr. Aarti Rana | KHARI BOLI KE STHAN NAMON KA DHWANIVAIGYANIK VIVECHAN : BIJNOR, MUJAFFARNAGAR, HARIDWAR EVAMDEHRADUN JANPADON KE SANDRABH MAIN | JOURNAL OF HUMANITIES AND CULTURE | - | |||||
8 | Dr. Anju | JANJATIYA SMAJMAI AAJIVKA KA SANGHARSH | JOURNAL OF HUMANITIES AND CULTURE | 2021-09-16 | |||||
9 | Dr. Anju | SAMKALEEN KAVITA MAISAMVEDNA EVAM SROKAR | SHOD DISHA | 2021-04-16 | |||||
10 | Dr. Anju | PRAVASI HINDI KAVITAO MAI ABHIVYAKTI KE SRIKAR | SHOD VAICHARI | 2015-09-16 | |||||
11 | Dr. Anju | KUMAUNI SANSKRATI KE SANDARBH OE MANOHAR SHYAM JOSHI KE UPANYAS | SHOD VAICHARI | 2013-06-16 | |||||
12 | Dr. Anju | JILA BAGPAT KE V VARNA SESTHAN NAAM | SMAY AAYAM | 2012-02-16 | |||||
13 | Dr. Praveen Katariya | HINDI BHASHA SHASHAKTIKARAN KI OR | JND | 2016-05-01 | |||||
14 | Dr. Praveen Katariya | ADHUNIK SANDARBHON ME SANT SAHITYA KI PRASANGIKTA | ABHIVYANJANA | 2016-01-06 | |||||
15 | Dr. Praveen Katariya | DALIT SAHITYA KI YATHARTH CHETNA | JND | 2015-02-01 | |||||
16 | Dr. Praveen Katariya | BHARAT KA SAMVIDHAN AUR SAMAJIK NYAY | ABHIVYANJANA | 2015-01-05 | |||||
17 | Dr. Praveen Katariya | NARESH MEHTA KE SAHITYA ME PRAYUKT SHABD VIDHAAN | JND | 2014-11-01 | |||||
18 | Dr. Vidya SagarSingh | RASHTRAVAD KE BADALTE AAYAM | SAMYANTAR | 2018-02-01 | |||||
19 | Dr. Vidya SagarSingh | SAUNET AUR TRILOCHAN | SAHITYA YATRA | 2017-12-01 | |||||
20 | Dr. Vidya SagarSingh | STRI LEKHAN AUR SAMPRADAYIKTA | SHODH NAVNEET | 2014-10-01 | |||||
21 | Dr. Vidya SagarSingh | DIVYA KA SAMAJ DARSHAN | SANGAYAN | 2014-01-01 | |||||
22 | Dr. Vidya SagarSingh | HINDI UPANYASON ME VINHAJN KI TRASHDI | ABHINAV KADAM | 2013-11-01 | |||||
23 | Dr. Yaggesh Kumar | LAGHU PATRIKA AVAM SAHITYIK PTRAKARITA | PROCEEDING | 2018-02-20 | |||||
24 | Dr. Yaggesh Kumar | BHARTIYA SANSKRITI AUR NAITIK MULYO PAR VAISHVIKARAN AVAM UDARIKARAN KA PRABHAV | PROCEEDING | 2014-02-21 | |||||
25 | Dr. Yaggesh Kumar | DR KUNWAR BECHAIN KE GAJAL SANGRAH KOI AAWAJ DETA HAI ME UPYOGITABADI PRAVARTIYO KA KATHYAGAT VIVECHAN | SHODHDISHA | 2011-06-01 | |||||
26 | Dr. Yaggesh Kumar | DR.KUNWAR BECHAIN KE PANCHALI MAHA KAVYA ME CHITRIT JEEVAN MULYA | SHODHDISHA | 2010-10-01 | |||||
27 | Prof. Navin Chandra Lohani | चीन में हिंदी एवं भारतीय भाषा शिक्षण | प्रवासी जगत | 2022-01-04 | |||||
28 | Prof. Navin Chandra Lohani | प्रवासी मन की व्यथा कथा: कौन-सी जमीन अपनी | प्रवासी जगत | 2021-10-01 | |||||
29 | Prof. Navin Chandra Lohani | मानुषखोर प्रतीकों, परंपराओं और सांस्कृतिक हलचल का जीवंत दस्तावेज 2019 | समीचीन | 2020-01-07 | |||||
30 | Prof. Navin Chandra Lohani | प्रवासी साहित्य लेखन दृष्टि: पृष्ठभूमि और परंपरा | प्रवासी जगत | 2020-01-01 | |||||
31 | Prof. Navin Chandra Lohani | अंजना संधीर के काव्य में स्त्री वेदना के स्वर प्रवासी स्त्री लेखन : विमर्श के विविध आयाम 2019 87941-38-0 | प्रवासी स्त्री लेखन : विमर्श के विविध आयाम | 2019-01-01 | |||||
32 | Prof. Navin Chandra Lohani | चीन में हिंदी एवं भारतीय संस्कृति | gagananchal | 2018-08-01 | |||||
33 | Prof. Navin Chandra Lohani | सुधा ओम ढींगरा की कविताओं में संवेदना के विविध आयाम शोध दृष्टि - सुधा ओम ढींगरा का साहित्य 2018 | शोध दृष्टि - सुधा ओम ढींगरा का साहित्य | 2018-01-01 | |||||
34 | Prof. Navin Chandra Lohani | ब्रिटेन में प्रवासी हिंदी लेखन : चिंतन के विविध आयाम HINDI वैश्विक हिंदी साहित्य और तेजेन्द्र शर्मा 978-93-89144 | वैश्विक हिंदी साहित्य और तेजेन्द्र शर्मा | 2018-01-01 | |||||
35 | Prof. Navin Chandra Lohani | अमेरिका का प्रवासी हिंदी साहित्य: अवधारणा एवं स्वर | प्रवासी हिंदी साहित्य और सुदर्शन प्रियदर्शिनी | 2018-01-01 | |||||
36 | Prof. Navin Chandra Lohani | अमेरिका के प्रवासी हिंदी साहित्य में समाज एवं संस्कृति वाड्मय (त्रैमासिक हिंदी पत्रिका प्रवासी अंक) 2018 | वाड्मय (त्रैमासिक हिंदी पत्रिका प्रवासी अंक) | 2018-01-01 | |||||
37 | Prof. Navin Chandra Lohani | निर्वासन उपन्यास में अभिव्यक्त मानवीय पीड़ा | शोध नवनीत (षण्मासिकी अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका) | 2018-01-01 | |||||
38 | Prof. Navin Chandra Lohani | वर्तमान परिप्रेक्ष्य: प्रवासी साहित्य की दशा व दिशा | 2018-01-01 | ||||||
39 | Prof. Navin Chandra Lohani | भारतवंशियो के जीवनदर्शन एवं जिजीविषा का महाआख्यान : छिन्नमूल | अनुसंधान (त्रैमासिक शोध पत्रिका) | 2018-01-01 | |||||
40 | Prof. Navin Chandra Lohani | वैश्वीकरण की अवधारणा और प्रवासी हिंदी साहित्य | वैश्वीकरण की अवधारणा और प्रवासी हिंदी साहित्य Shri Yogendra Singh Prof. Navin Chandra Lohani HINDI शोध दिशा 2017 0975-735x https://ugccare.unipune.ac.in/Apps1/User/WebA/SearchList | 2017-01-01 | |||||
41 | Prof. Navin Chandra Lohani | हमारा लोक साहित्य लावनी | www.abhivykti-hindi.org | - | |||||
42 | Prof. Navin Chandra Lohani | मेरठ परिक्षेत्र की समृद्ध स्वाँग परम्परा : एक दृष्टि | साहित्य अभियान | - | |||||
43 | Prof. Navin Chandra Lohani | लोक साहित्य में अमर विधा है ‘लावनी’ भी | समाज विज्ञान शोध पत्रिका | - |
PUBLICATION PROFILE (OTHER THAN RESEARCH PAPERS) |
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Name |
Publication |
Title |
Publisher |
Year of Publication |
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1 | Dr. Vidya SagarSingh | Book Authored | HINDI BHASHA EVAN SAHITYA :EK SAMGRA AWALOKAN | AMAN PRAKASHAN,KANPUR | 2021-09-01 |
2 | Dr. Vidya SagarSingh | Chapter in an Edited Books | AKHAR ME NAMVAR SINGH | SMRITIYON KE GHERE ME VATVRIKSH | 2021-01-01 |
3 | Dr. Vidya SagarSingh | Chapter in an Edited Books | RELEVANCE OF GANDHIAN THOUGHT | HINDI SAHITYA PAR GANDHIVAD KA PRABHAV | 2021-01-01 |
4 | Dr. Vidya SagarSingh | Chapter in an Edited Books | CHHAYAVAD:SANSMRITI EVM PUNARPATH | CHHAYAVADI SAHITYA ME RASHTRIYA EVAN SANSKRITIK CHETNA | 2019-02-01 |
5 | Dr. Vidya SagarSingh | Book Authored | HINDI UPANYASON ME SAMPRADAYIK VIMARSH | ANANG PUBLICATION,DELHI | 2019-01-01 |
6 | Prof. Navin Chandra Lohani | Chapter in an Edited Books | भारत में उच्च शिक्षा तथा शिक्षा नीति 2020 संभावनाएं एवं चुनौतियां | राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय भाषा और राजभाषा हिंदी के सवाल | 2022-05-08 |
7 | Prof. Navin Chandra Lohani | Chapter in an Edited Books | भारत में उच्च शिक्षा तथा शिक्षा नीति 2020 संभावनाएं एवं चुनौतियां | भारतीय शैक्षिक दस्तावेज और सतत् व्यवसायिक शिक्षाः नई शिक्षा नीति प्रतिस्थापन या प्रवर्धन | 2022-05-08 |
8 | Prof. Navin Chandra Lohani | Chapter in an Edited Books | हिंदी शिक्षण में कौशलों का विकास | वैश्विक स्तर पर हिंदी भाषा के प्रति दृष्टिकोण 201 | 2021-09-07 |
9 | Prof. Navin Chandra Lohani | Chapter in an Edited Books | खड़ी बोली क्षेत्र के प्रमुख साहित्यकार | निम्न मध्यम वर्ग के मानस के सफल चितेरे - से0रा0यात्री | 2002-09-01 |
10 | Prof. Navin Chandra Lohani | Book Edited | धारा | लावनी साहित्य का सामाजिक स्वर | - |
Time Table
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Achievements
MOU - दिनांक 11 मार्च 2022 को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ एवं केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा के बीच समझौता ज्ञापन (MOU) पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किए।
शिक्षक सम्मान - दिनांक ५ सितम्बर २०२१ को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग, प्रो० नवीन चंद्र लोहनी शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।
दिनांक ५ सितम्बर २०२२ को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान के सन्दर्भ में संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग, प्रो० नवीन चंद्र लोहनी को सम्मानित किया गया।
शब्द शिल्पी सम्मान - सम्मान उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान द्वारा प्रो० नवीन चंद्र लोहनी को शब्द शिल्पी-सम्मान से सम्मानित किया गया.
अंतर्राष्ट्रीय प्रेमचंद सम्मान- भारतीय-नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम, नार्वे और स्पाइल दर्पण द्वारा प्रो० नवीन चंद्र लोहनी को आलोचना एवं शिक्षण के क्षेत्र में अंतर्राष्टीय सम्मान से सम्मानित किया गया।
प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी संकायाध्यक्ष कला एवं अध्यक्ष हिंदी विभाग, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ को कुमाऊँ विश्वविद्यालय के अन्तर्गत महादेवी सृजनपीठ में सदस्य के रूप में नामित किया गया।
प्रो॰ नवीन चन्द्र लोहनी को उत्तराखण्ड भाषा संस्थान में सदस्य नामित किया गया।